स्टेरॉयड्स आधुनिक समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, जो अक्सर शारीरिक दक्षता प्राप्त करने, शारीरिक डील-डौल बनाने में और स्टैमिना को बढ़ाने के लिए जिम जाने वाले लोगों द्वारा नियमित तौर पर प्रयोग में लिया जा रहा है। यह एक फैशन की तरह बन गया है आज-कल के युवाओं को लगता है कि बगैर स्टेरॉयड के उनका शरीर हष्ट-पुष्ट और बलवान नहीं दिख सकता है।
स्टेरॉयड एक पाउडर है जब तक आप इससे लेते रहेंगे तब तक आपकी बॉडी को गुब्बारे की तरह आपके मसल्स को फुला कर रखेगा और जब लेना छोड़ देंगे तो आपकी बॉडी फिर से पहले जैसे हो जाएगी या यूँ कहें कि पहले से भी ज्यादा कमजोर हो सकती है। इसीलिए जो लोग बगैर किसी डॉक्टर के परामर्श के या तो खुद या फिर किसी जिम ट्रेनर के कहने पर स्टेरॉयड लेना शुरू किये हैं वो अभी संभल जायें और डॉक्टर से परामर्श लेकर ही आप स्टेरॉयड का प्रयोग करें।
स्टेरॉयड्स के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं और इसके दुरुपयोग से मानव शरीर पर कई जोखिम भरे परिणाम भी होते हैं जो हमारे जीवन को विभिन्न तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं। निचे दिए गए प्रभावों को समझाना बेहद जरुरी है ताकि हमारे शरीर पर स्टेरॉयड से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रभाव: इसमें कोई शक नहीं कि स्टेरॉयड्स हमारी शारीरिक दुर्बलता को सही करता है और मांसपेशियों की वृद्धि करता है एवं शरीर की डील-डौल सुन्दर बनता है परन्तु इसका दुरुपयोग या बगैर डॉक्टरी परामर्श के प्रयोग भी आपके शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
लिवर और किडनी की समस्याएं: स्टेरॉयड्स का बहुत लंबे समय तक उपयोग करना भी लिवर और किडनी पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे लिवर डैमेज, जॉन्डिस, और किडनी की कार्यक्षमता में कमी कि समस्या बनी रहती है।
हृदय संबंधी समस्याएं: स्टेरॉयड्स आपके शरीर में रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को बढ़ा सकता है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, और हृदयाघात जैसी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी समस्या भी पैदा कर सकता है।
हार्मोनल असंतुलन: अगर आप बगैर डॉक्टरी परामर्श के स्टेरॉइड्स का उपयोग कर रहे हैं तो इससे आपके शरीर के प्राकृतिक हार्मोन संतुलन बिगड़ सकते हैं, जिससे भविष्य में बांझपन, यौन दुर्बलता सहित PCOS या PCOD की भी समस्या भी हो सकती है। इसीलिए इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी स्टेरॉयड का बहुत गहरा प्रभाव होता है। इसमें ये कुछ सामान्य मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव शामिल हैं।
हड्डियों और मांसपेशियों में समस्याएं: हालांकि स्टेरॉयड्स पहली दृष्टि में तो मांसपेशियों की वृद्धि कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग करने से मांसपेशियाँ कमजोर बन सकती हैं और इससे अस्थि फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ सकता है।.
मूड स्विंग और आक्रोश: कई बार ये देखा गया है कि स्टेरॉयड्स लेने वाले लोगों में मूड स्विंग बहुत ज्यादा होता रहता है उनके मूड कई बार बदलते रहते हैं। और कई बार मूड स्विंग कि वजह से उनमें चिड़चिड़ापन और वे बहुत गुस्सैल स्वाभाव के हो जाते हैं।
जान जाने का खतरा: आज-कल आप देख रहे होंगे कि जिम जाने वाले लोग हार्ट-अटैक (हृदयाघात) से मर रहे हैं इसका एक प्रमुख कारण स्टेरॉयड ही है। चाहे एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला हों, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव हों या अन्य कुछ अन्य चर्चित हस्तियां हों सबके मरने कि खबर जिम में या जिम से निकलकर ही हुयी है। और ये सब स्टेरॉयड की ही वजह से है।
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